हमने
बचपन से ही अलग-अलग व्यक्तियों के बारे में अलग-अलग तरह की बातें
देखी-सुनी हैं. हमने हमेशा सुना कि किसी गरीब व्यक्ति की लॉटरी निकल गयी या
उसे जमीन बेच कर ढेर सारे रुपये मिले, लेकिन कुछ साल बाद वह व्यक्ति वापस
गरीब हो गया. वहीं दूसरी तरफ यह पाते है कि एक धनवान व्यक्ति व्यापार में
घाटे के कारण गरीब हो गया और कुछ सालों बाद वह पुन: अमीर दिखायी देता है.
इसका सीधा संबंध सोच से है. व्यक्ति केवल पैसे से अमीर-गरीब नहीं होता, सोच
से भी अमीर-गरीब होता है.?
एक राजा का जन्मदिन था. सुबह जब वह घूमने
निकला, तो उसने तय किया कि वह रास्ते में मिलनेवाले पहले व्यक्ति को पूरी
तरह खुश व संतुष्ट करेगा. उसे एक भिखारी मिला. भिखारी ने राजा से भीख
मांगी, तो राजा ने भिखारी की तरफ एक तांबे का सिक्का उछाल दिया. सिक्का
भिखारी के हाथ से छूट कर नाली में जा गिरा. भिखारी नाली में हाथ डाल तांबे
का सिक्का ढूंढ़ने लगा. राजा ने उसे बुला कर दूसरा तांबे का सिक्का दिया.
भिखारी ने खुश होकर वह सिक्का अपनी जेब में रख लिया और वापस जाकर नाली में
गिरा सिक्...