संसद के वर्तमान सत्र में हिन्दुओ को अपने देश में ही गुलाम बना देने वाला कालाकानून.........
""""""""""""""""""सांप्रदायिक एवं लक्षित हिंसा अधिनियम -------2011"""""""""""""""""""""""""""
जानिये
इस कानून के बारे में
......!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
सोनिया गाँधी के "निजी मनोरंजन क्लब" यानी नेशनल एडवायज़री काउंसिल (NAC)
द्वारा ''सांप्रदायिक एवं लक्षित हिंसा'' विधेयक का मसौदा तैयार किया गया
है,,जिसके प्रमुख बिन्दु इस प्रकार हैं- =====
1) कानून-व्यवस्था का मामला राज्य सरकार का है, लेकिन इस बिल के अनुसार यदि केन्द्र को "महसूस" होता है, तो वह साम्प्रदायिक दंगों की तीव्रता के अनुसार राज्य सरकार के कामकाज में हस्तक्षेप कर सकता है और उसे बर्खास्त कर सकता है… (इसका मोटा अर्थ यह है कि यदि 100-200 कांग्रेसी अथवा 100-50 जेहादी तत्व किसी राज्य में दंगा फ़ैला दें तो राज्य सरकार की बर्खास्तगी आसानी से की जा सकेगी) ==============
2) इस प्रस्तावित विधेयक के अनुसार दंगा हमेशा "बहुसंख्यकों" द्वारा ही फ़ैलाया जाता है, जबकि "अल्पसंख्यक" हमेशा हिंसा का लक्ष्य होते हैं… ========
3) यदि दंगों के दौरान किसी "अल्पसंख्यक" महिला से बलात्कार होता है तो इस बिल में कड़े प्रावधान हैं, जबकि "बहुसंख्यक" वर्ग की महिला का बलात्कार होने की दशा में इस कानून में कुछ नहीं है… ========= 4) किसी विशेष समुदाय (यानी अल्पसंख्यकों) के खिलाफ़ "घृणा अभियान" चलाना भी दण्डनीय अपराध है.. (फ़ेसबुक, ट्वीट और ब्लॉग भी शामिल) ============
5) "अल्पसंख्यक समुदाय" के किसी सदस्य को इस कानून के तहत सजा नहीं दी जा सकती. यदि उसने बहुसंख्यक समुदाय के व्यक्ति के खिलाफ़ दंगा अपराध किया है (क्योंकि कानून में पहले ही मान लिया गया है कि सिर्फ़ "बहुसंख्यक समुदाय" ही हिंसक और आक्रामक होता है, जबकि अल्पसंख्यक तो अपनी आत्मरक्षा कर रहा है)
=========== इस विधेयक के तमाम बिन्दुओं का ड्राफ़्ट तैयार किया है, सोनिया गाँधी की "किचन कैबिनेट" के सुपर-सेकुलर सदस्यों एवं अण्णा को कठपुतली बनाकर नचाने वाले IAS व NGO गैंग के टट्टुओं ने… ========
इस बिल की ड्राफ़्टिंग कमेटी के सदस्यों के नाम पढ़कर ही आप समझ जाएंगे कि यह बिल "क्यों", "किसलिये" और "किसको लक्ष्य बनाकर" तैयार किया गया है…।
"माननीय"(?) सदस्यों के नाम इस प्रकार हैं -
१. सैयद शहबुदीन
२. हर्ष मंदर
३. अनु आगा
४. माजा दारूवाला
५. अबुसलेह शरिफ्फ़
६. असगर अली इंजिनियर
७. नाजमी वजीरी
८. पी आई जोसे
९. तीस्ता जावेद सेतलवाड
१०. एच .एस फुल्का
११. जॉन दयाल
१२. जस्टिस होस्बेट सुरेश
१३. कमल फारुखी
१४. मंज़ूर आलम
१५. मौलाना निअज़ फारुखी
१६. राम पुनियानी १७. रूपरेखा वर्मा १८. समर सिंह १९. सौमया उमा २०. शबनम हाश्मी २१. सिस्टर मारी स्कारिया २२. सुखदो थोरात २३. सैयद शहाबुद्दीन २४. फरह नक आब आप खुद अंदाजा लगाये की या नियत है यु पि ऐ सरकार की प्रकाश शर्मा राष्ट्रिय प्रवक्ता विश्व हिन्दू परिषद्
1) कानून-व्यवस्था का मामला राज्य सरकार का है, लेकिन इस बिल के अनुसार यदि केन्द्र को "महसूस" होता है, तो वह साम्प्रदायिक दंगों की तीव्रता के अनुसार राज्य सरकार के कामकाज में हस्तक्षेप कर सकता है और उसे बर्खास्त कर सकता है… (इसका मोटा अर्थ यह है कि यदि 100-200 कांग्रेसी अथवा 100-50 जेहादी तत्व किसी राज्य में दंगा फ़ैला दें तो राज्य सरकार की बर्खास्तगी आसानी से की जा सकेगी) ==============
2) इस प्रस्तावित विधेयक के अनुसार दंगा हमेशा "बहुसंख्यकों" द्वारा ही फ़ैलाया जाता है, जबकि "अल्पसंख्यक" हमेशा हिंसा का लक्ष्य होते हैं… ========
3) यदि दंगों के दौरान किसी "अल्पसंख्यक" महिला से बलात्कार होता है तो इस बिल में कड़े प्रावधान हैं, जबकि "बहुसंख्यक" वर्ग की महिला का बलात्कार होने की दशा में इस कानून में कुछ नहीं है… ========= 4) किसी विशेष समुदाय (यानी अल्पसंख्यकों) के खिलाफ़ "घृणा अभियान" चलाना भी दण्डनीय अपराध है.. (फ़ेसबुक, ट्वीट और ब्लॉग भी शामिल) ============
5) "अल्पसंख्यक समुदाय" के किसी सदस्य को इस कानून के तहत सजा नहीं दी जा सकती. यदि उसने बहुसंख्यक समुदाय के व्यक्ति के खिलाफ़ दंगा अपराध किया है (क्योंकि कानून में पहले ही मान लिया गया है कि सिर्फ़ "बहुसंख्यक समुदाय" ही हिंसक और आक्रामक होता है, जबकि अल्पसंख्यक तो अपनी आत्मरक्षा कर रहा है)
=========== इस विधेयक के तमाम बिन्दुओं का ड्राफ़्ट तैयार किया है, सोनिया गाँधी की "किचन कैबिनेट" के सुपर-सेकुलर सदस्यों एवं अण्णा को कठपुतली बनाकर नचाने वाले IAS व NGO गैंग के टट्टुओं ने… ========
इस बिल की ड्राफ़्टिंग कमेटी के सदस्यों के नाम पढ़कर ही आप समझ जाएंगे कि यह बिल "क्यों", "किसलिये" और "किसको लक्ष्य बनाकर" तैयार किया गया है…।
"माननीय"(?) सदस्यों के नाम इस प्रकार हैं -
१. सैयद शहबुदीन
२. हर्ष मंदर
३. अनु आगा
४. माजा दारूवाला
५. अबुसलेह शरिफ्फ़
६. असगर अली इंजिनियर
७. नाजमी वजीरी
८. पी आई जोसे
९. तीस्ता जावेद सेतलवाड
१०. एच .एस फुल्का
११. जॉन दयाल
१२. जस्टिस होस्बेट सुरेश
१३. कमल फारुखी
१४. मंज़ूर आलम
१५. मौलाना निअज़ फारुखी
१६. राम पुनियानी १७. रूपरेखा वर्मा १८. समर सिंह १९. सौमया उमा २०. शबनम हाश्मी २१. सिस्टर मारी स्कारिया २२. सुखदो थोरात २३. सैयद शहाबुद्दीन २४. फरह नक आब आप खुद अंदाजा लगाये की या नियत है यु पि ऐ सरकार की प्रकाश शर्मा राष्ट्रिय प्रवक्ता विश्व हिन्दू परिषद्