एक साधु 50 साल से एक ही जगह बैठकर रोज हनुमान चालीसा पढता था.
एक दिन आकाशवाणी हुई और आवाज आई
"हे साधु!
तु 50 साल से हनुमान जी की स्तुति कर रहा है, लेकिन तेरी एक भी स्तुति स्वीकार नही हुई"
साधु के साथ बैठने वाले दुसरे बंदो को भी दु:ख हुआ कि,
यह बाबा 50 साल से हनुमानजी की स्तुति कर रहे है और इनकी एक भी स्तुति स्वीकार नही हुई.
यह कैसा न्याय.?
लेकिन साधु दु:खी होने के बजाय खुशी से नाचने लगा.
दुसरे लोगो ने साधु को देखकर आश्चर्य हुआ.
एक बंदा साधु से बोला : बाबा, आपको तो दु:ख होना चाहिए कि आपकी 50 साल कि प्रार्थना बेकार गई.!
साधु ने जवाब दिया : " मेरी 50 साल की प्रार्थना भले ही स्वीकार ना हुई तो क्या हुआ...!!! लेकिन भगवान को तो पता है ना कि मैँ 50 साल से प्रार्थना कर रहा हु"
इसिलिए दोस्तो जब आप मेहनत करते हो और फल ना मिले तो निराश मत होना,
क्युकिँ
भगवान को तो पता है ही कि आप मेहनत कर रहे है, इसिलिए फल तो जरुर देगा
एक दिन आकाशवाणी हुई और आवाज आई
"हे साधु!
तु 50 साल से हनुमान जी की स्तुति कर रहा है, लेकिन तेरी एक भी स्तुति स्वीकार नही हुई"
साधु के साथ बैठने वाले दुसरे बंदो को भी दु:ख हुआ कि,
यह बाबा 50 साल से हनुमानजी की स्तुति कर रहे है और इनकी एक भी स्तुति स्वीकार नही हुई.
यह कैसा न्याय.?
लेकिन साधु दु:खी होने के बजाय खुशी से नाचने लगा.
दुसरे लोगो ने साधु को देखकर आश्चर्य हुआ.
एक बंदा साधु से बोला : बाबा, आपको तो दु:ख होना चाहिए कि आपकी 50 साल कि प्रार्थना बेकार गई.!
साधु ने जवाब दिया : " मेरी 50 साल की प्रार्थना भले ही स्वीकार ना हुई तो क्या हुआ...!!! लेकिन भगवान को तो पता है ना कि मैँ 50 साल से प्रार्थना कर रहा हु"
इसिलिए दोस्तो जब आप मेहनत करते हो और फल ना मिले तो निराश मत होना,
क्युकिँ
भगवान को तो पता है ही कि आप मेहनत कर रहे है, इसिलिए फल तो जरुर देगा